नगर पंचायत अगस्त्यमुनि के अंतर्गत नदी किनारे पर्यावरण मित्रों द्वारा पाले गए सूअर ही अब नगर की सफाई व्यवस्था में बने रोड़ा
नगर पंचायत अगस्त्यमुनि के अंतर्गत नदी किनारे पर्यावरण मित्रों द्वारा पाले गए सूअर ही अब नगर की सफाई व्यवस्था में बने रोड़ा।
(हरीश गुसाईं/तहलका यूके न्यूज /अगस्त्यमुनि)
अगस्त्यमुनि।नगर पंचायत के अन्तर्गत नदी किनारे पर्यावरण मित्रों द्वारा पाले गये सूअर ही अब नगर की सफाई व्यवस्था को ढ़र्रे पर लाने में रोड़ा बन गये हैं। नपं के लिए पर्यापरण मित्रों द्वारा पाले गये सूअर गर्म दूध की तरह हो गये हैं, न निगलते बन रहा है और न उगलते। अगस्त्यमुनि नगर पंचायत को बने अभी आठ ही वर्ष हुए हैं। इन आठ वर्षों में नपं ने कई मुकामों को हासिल किया है। स्वच्छ सर्वेक्षण में तो 2019 में राष्ट्रीय स्तर प्रथम पुरस्कार हासिल किया है।
2019 व 20 में लगातार दो वर्ष तक अटल निर्मल नगर पुरस्कार भी हासिल किया है। वहीं 2021 में प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत सर्वोत्तम आवास का पुरस्कार भी हासिल किया है। वहीं नपं ने सूखे कूड़े को बेचकर 10 लाख रू0 से अधिक की आय प्राप्त की है।
परन्तु जो नगर पंचायत दो वर्ष पूर्व स्वच्छता में पूरे भारत में नम्बर एक थी वह अब लगातार पिछड़ती जा रही है। जिसका कारण कोई अन्य नहीं बल्कि वही लोग हैं जिनकी वजह से ही नगर को स्वच्छता में प्रथम पुरस्कार मिला था। जी हां वही पर्यावरण मित्र जो नगर की सफाई व्यवस्था की रीढ़ है तथा जो नगर की सफाई करने के लिए सुबह से ही हाड़ तोड़ मेहनत करता रहता है परन्तु दोपहर बाद वही पर्यावरण मित्र थोड़े लालच में अपने किए कराये पर पानी भी फैला रहा है। असल इन पर्यावरण मित्रों ने नदी किनारे पर सूअर पालन किया हुआ है। और अब यही सूअर नगर की सफाई व्यवस्था में सबसे बड़ा रोड़ी बन गये हैं।
दरअसल पिछले तीन महीनों से नगर पंचायत के सात न0 वार्ड के अन्तर्गत स्टेट बैंक मोहल्ले के निवासी तेज दुर्गन्ध से परेशान हैं। राइका, खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, पुस्तकालय सहित पूरी कालोनी में दिन भर तेज बदबू आ रही है। कई लोग नपं से शिकायत भी कर चुके हैं। नपं अध्यक्ष एवं अधिशासी अधिकारी दुर्गन्ध की बात तो स्वीकार कर रहे हैं परन्तु यह कूड़े से आ रही है इससे वे इन्कार कर रहे हैं। तथा जांचकर इसके निराकरण की बात कर रहे हैं।
परन्तु अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है। वहीं मोहल्ले वालों का कहना है कि वार्ड के अन्तर्गत नदी किनारे नपं के पर्यावरण मित्रों ने सूअर पाले हुए हैं। जिनकी संख्या पांच सौ से ऊपर है। पहले सूअर कम थे परन्तु अब अधिक होने से उन्हें भोजन की कमी होने लगी तो पर्यावरण मित्रों ने नगर से एकत्रित गीले कूड़े को सूअरों के लिए ले जाना प्रारम्भ कर दिया। यही गीला कूड़ा बरसात में सड़कर दुर्गन्ध दे रहा है। वहीं नपं इससे इत्तेफाक नहीं रखती है। उसका कहना है कि हो सकता है किसी का सीवरेज पिट खुल गया हो। जिसकी वजह से दुर्गन्ध आ रही है। नगर से एकत्रित कूड़े को नपं कार्यालय से लगे प्लांट में लाकर गीला तथा सूखा कूड़ा अलग किया जाता है। सूखे कूड़े को पैकिंग कर बेचा जा रहा है, तथा गीले कूड़े को कम्पोस्ट पिटों में डालकर खाद बनाई जा रही है। जो थोड़ा बहुत पर्यावरण मित्र सूअरों के लिए ले जाते हैं उसे सूअर तत्काल खा जाते हैं।
नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अरूणा बेंजवाल का कहना है कि राइका से एसबीआई तक तीखी दुर्गन्ध आ रही है, हो सकता है कि किसी का सीवरेज टैंक लीक कर रहा हो, नपं द्वारा उस इलाके में झाड़ियों की सफाई की जा रही है। विस्तृत सफाई होने के बाद ही पता चल पायेगा। पर्यावरण मित्र नदी किनारे सूअर जरूर पाल रहे हैं परन्तु वे तो गन्दगी को साफ ही कर रहे हैं।
वहीं स्थानीय निवासियों का कहना है कि नपं माने न माने परन्तु मोहल्ले में आ रही दुर्गन्ध का कारण सूअरो द्वारा फैलाई गन्दगी ही है। नपं को सूअरों की समस्या को गम्भीरता से लेना चाहिए अन्यथा भविष्य में यह नगर के लिए एक बड़ी समस्या बन सकती है।
इसके ऊपर जल्द से जल्द कार्यवाही होनी चाहिए 🙏🏻🙏🏻
ReplyDeleteइसके ऊपर जल्द से जल्द कार्यवाही होनी चाहिए 🙏🏻🙏🏻
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